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_श्रृंगार रस की इतनी मधुर कृति आज 50 वर्षों बाद भी बेजोड़ है।शब्द, सुर और संगीत ने इसमें जो माधुर्य भरा है वह दिल को छू जाता है। इस गाने को संजीवनी जी ने अपने ही अंदाज़ में प्रस्तुत किया है वो भी देखने लायक है!
2020-07-25 02:32:16